बेटी पराया धन नहीं
माँ - बाप का नायाब हीरा होती है
बेटी की विदाई
यह एक शब्द है
पर क्या हम वाकई
बेटी को विदा कर पाते हैं
दो बक्सों में सामान रखने से
बेटी की विदाई
संपूर्ण नहीं होती
उसने इतने सालों से
जो उस घर को बिखेर रखा है
वो सामान जो
हमारे रग रग में बसा है
हम कैसे उसे समेटे
पूरे घर में उसकी खुशबू
उसकी हंसी
उसकी मुस्कुराहट
उसके सुख दुःख
घर के हर कण कण में समाये हैं
स्त्री एक अद्वितीय रचनाकार है
जो रचता है
उसे हम विदा कैसे करें
बेटी विदा नहीं होती
वह एक और
नए संसार को रचती है
नए रिश्ते को पूर्ण करती है
अपने परिवार से नए
परिवेश को जोड़ती है
बेटी पराया धन नहीं
एक नायाब हीरा है
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteअन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सर
Delete🙏
बिल्कुल सत्य कहा है आपने, बहुत सुंदर भावपूर्ण सृजन..
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया ।
Deleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ।
Delete
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 10 मार्च 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
तहेदिल से शुक्रिया आप का पम्मी जी मेरी रचना को पांच लिंको का आनंद में स्थान देने के लिए बहुत।
Deleteबेटी प्यारी सी धुन होती है .... ऐसा मैंने भी लिखा था । बहुत प्यारी रचना।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया ।
Deleteबेटियाँ चिड़िया होती हैं...
ReplyDeleteबेटियों के लिए शब्दकोश के सारे खूबसूरत उपमान लिख दें तो भी कम है न मधुलिका जी।
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना।
सादर स्नेह।
बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया ।
Deleteवाह बेहतरीन सृजन
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय ।
Deleteएकदम ठीक कहा आपने मधूलिका जी । घरपरिवार एवं समाज के इस सनातन सत्य को हम सभी को अपने मन में संजोकर रखना चाहिए ।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय
Deleteबहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना, बहुत अच्छी बात कही,बेटी जाती नही है, बेटी सिर्फ कहने के लिए विदा होती है, नमन बधाई हो
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया
Deleteसुंदर, भावपूर्ण
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ।
ReplyDeleteविदाई कहाँ होती है बेटी की ... जो दिल में होता है वो कहाँ जुदा होता है ... वो तो बस दुसरे घर जाती है और उसका हक़ हमेशा हमेशा रहता है ...
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण रचना है आपकी ...
बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय ।
Deleteकितने सुन्दर भावो को बिम्बो के माध्यम से सहेजा है। सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय
Deleteआप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय
Deleteदिल को छू गयी आपकी यह रचना!!!
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय ।
Deleteआदरणीय सर बहुत बहुत आभार
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