Sunday, 18 February 2024

कुछ पंक्तियाँ दिल से...

~ 1 ~

 बड़ा अजीब है जनाब ये तेरा शहर 

आँखों में बड़े बड़े ख़्वाब लिए सारी रात 

बेचैनी से यहाँ से वहाँ

भागता ही रहता है 

तभी तो ये रात भर 

जागता रहता है 

सागर तेरा शहर सोता क्यों नहीं ।

 

~ 2 ~

जब भी कभी नया दोस्त मैं 

बनाता हूँ, पता नहीं क्यों 

मेरे पीठ के पीछे के 

ख़ंजरों में इज़ाफ़ा क्यों हो जाता है ।


~ 3 ~

समंदर से सीखा है मैंने 

जिसके पास 

अश्क़ो का सैलाब होता है 

वो रोया नहीं करते ।


~ 4 ~

उसने कहा एक ख़्वाब

की तरह मेरी यादों को भुला चुका हूँ 

मैंने उन ख़्यालों को 

ज़िम्मेदारियों के फ़्रेम में 

संभाल कर रखा है ।