माँ गोद में तेरी सर रख कर जी भरकर सोउँगा ।
लाल मेरा तू तो है भारत माता का प्रहरी
इसीलिये नींद तेरी रहती थीं आँखों से ओझल
कभी न वो तेरी पलकों में ठहरी ।
पर माँ का दिल आज अचानक से दरक गया
क्यों आज पूजा का थाल हाथ से सरक गया ।
जहां कहीं मेरे जिगर का टुकड़ा होगा
आज नहीं तो कल लौटेगा ।
हर नई सुबह
आस उम्मीद का एक नया दीप जला होगा
माँ ने याद किया होगा
बचपन से जवानी तक का सफरनामा ।
पत्नी ने याद किए होंगें
सारी जिंदगी साथ निभाने के वचन
वो सिदूंर मंगलसूत्र और चूड़ीयों में बसे सुनहरे पल ।
बहुत सी जंग जीती जीवन में
पर अब वो कौन सी जंग हार गया ।
एक माँ को जिम्मेदारी का आखिरी नमन कर
दूजी माँ की गोद में सोने को आतुर
लम्बी नींद को चला गया ।
नहीं डरा वो वीर सपूत
पूरी मुस्तेदी से डटा रहा
अपनी ज़िम्मेदारी को दर्ज करा गया ।
कविता के माध्यम से सच्ची श्रद्धांजलि। वीर सपूत को शत शत नमन।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका राजेश कुमार जी.
Deleteकविता के माध्यम से सच्ची श्रद्धांजलि। वीर सपूत को शत शत नमन।
ReplyDeleteआभार आपका राजेश कुमार जी.
Deleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 14 फरवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका दिग्विजय अग्रवाल जी मेरी रचना को पांच लिंको में स्थान देने पर.
Deleteसैनिकों को जीवन की सच्चाई बयान करती बढ़िया कविता।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका.
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका मेरी रचना को ब्लाग बुलेटिन में स्थान देने पर.
ReplyDeleteसियाचीन के वीर सपूतों को शत शत नमन। आपकी सुंदर श्रध्दांजली को भी नमन।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका आशा जी.
Deleteशहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले, वतन पर मिटने वालों का बाकी यही निशाँ होगा।
ReplyDeleteदेश की रक्षा हेतु माँ भारती के शहीद वीर सपूत को श्रद्धा सुमन!
बहुत बहुत शुक्रिया आपका कविता जी.
Deleteमाँ के लिए उसके सुपुत्र हमेशा तैयार रहते हैं ... सब कुछ लुटा देते हैं .. अपनी जान तक लुटा देते हैं ... नमन है अमर वीर सैनानियों को ...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आपका दिगम्बर सर जी.
Deleteबहुत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति। जय हिन्द
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आपका कैलाश जी.
Deleteबहुत सुंदर, सार्थक और भावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका हिमकर जी.
Deleteऐसे वीर सेनानियों को नमन! मर्मस्पर्शी भाव...
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका.
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