तुम मेरी नज़मो के मुसाफ़िर
बन गए हो
आते जाते चंद मुलाकात होती
रहती है
पर अब धीरे-धीरे तुमने उस
ज़मी को
हथिया लिया है
और इक खूबसूरत सा मकान
बना लिया है
नज़मों की गलियों में
जब तुम नहीं होते
बहुत ख़ामोशी सी छाई रहती है
लफ्जों के दरमियाँ
अब नज़्म चाहती है
तुम्हारी रौनके लगी रहे
ये मकान खाली ना रहे
तुम आओ
हकीकत बन के
तुम्हारी आने की आहट सी न
लगे
बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
Deleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " राजनीति का नेगेटिव - पॉज़िटिव " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका मेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने का ।
Deleteबहुत खूब । दिल के बागीचे में खिली नज्मों की खुशबू ।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
Deleteतहे दिल से शुक्रिया आपका मेरी रचना को पांचलिंको का आंनन्द में स्थान देने का ।
ReplyDeleteतहे दिल से शुक्रिया आपका मेरी रचना को पांचलिंको का आंनन्द में स्थान देने का ।
ReplyDeleteमकान का कोई कोना खाली हो तो उसमें रची-बसी यादें बार-बार आती है .... मन आकुल व्याकुल करती हैं जब तब ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना। ..
मकान का कोई कोना खाली हो तो उसमें रची-बसी यादें बार-बार आती है .... मन आकुल व्याकुल करती हैं जब तब ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना। ..
बहुत बहुत शुकृरिया आपका कविता जी ।
Deleteबहुत बहुत शुकृरिया आपका कविता जी ।
Deleteनज्मों में उनका आना और रुक जाना .... कहीं बोल न उठें नज्में ...
ReplyDeleteखूबसूरत ख्याल ...
बहुत बहुत शुकृरिया आपका दिगम्बर जी।
Deleteमन की भावनाओं ने बड़ी खूबसूरती से शब्दों का आकार लिया। बेहद सुन्दर कविता।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुकृरिया आपका राजेश जी।
Deleteमन की भावनाओं ने बड़ी खूबसूरती से शब्दों का आकार लिया। बेहद सुन्दर कविता।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुकृरिया आपका राजेश कुमार जी।
Deleteतुम मेरी नज़मों के मुसाफिर बन गए हो। आपकी यह रचना बहुत ही खूबसूरत पंक्ति से शुरू होती है। बहुत ही बेहतरी ख्याल से ओतप्रोत नज़म।
ReplyDeleteतुम मेरी नज़मों के मुसाफिर बन गए हो। आपकी यह रचना बहुत ही खूबसूरत पंक्ति से शुरू होती है। बहुत ही बेहतरी ख्याल से ओतप्रोत नज़म।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुकृरिया आपका जमशेद आजमी जी ।
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत बहुत शुकृरिया आपका ओंकार जी।
Deleteबहुत बहुत शुकृरिया आपका ओंकार जी।
Deleteबहुत सुंदर और भावपूर्ण
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका हिमकर जी ।
ReplyDeleteBahut badiya......
ReplyDeleteBahut badiya......
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका राजेश मिश्रा जी ।
ReplyDeletesundar bhaavnaa..beautifully written..
ReplyDelete(www.kaunquest.com)
बहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
Deleteबहुत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका
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