Sunday, 12 August 2018

ये आवारा मन


उसने रोकना नहीं चाहा
उसे रुकना नागवार लग रहा था
बहुत दिनों पहले कांच टूट चुका था
गाहे बगाहे चुभ जाता गल्‍ती से
पर सोच रही हूं
इसे फेंका क्‍यों नहीं
पर ये किसी कूड़ेदान तक
नहीं ले जाया जा सकता
क्‍यों ऐसा क्‍या है ?
मन के भारीपन से
ज्‍यादा भारी तो नहीं होगा
ये रिश्तों की किरचें हैं
दिखती नहीं हैं
इसलिये समेटी नहीं जाती
काश ऊपर वाले ने
रिश्तों के टूटने का भी
एक मर्तबान बनाया होता
उठा के किसी कूड़ेदान में
फेंक आते सारा का सारा
ताकि ये मन की आवारगी
और आशोब सब
खामोशी से दफन हो जाते
गले को हिचकियों से
तंग नहीं करते
आंखो को आँसुओं से
नम नहीं करते

19 comments:

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया सर जी।

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, डॉ॰ विक्रम साराभाई को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. तहेदिल से शुक्रिया आप का मेरी पोस्ट को ब्लाग बुलेटिन में स्थान देने पर।

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  3. काश ऊपर वाले ने
    रिश्तों के टूटने का भी
    एक मर्तबान बनाया होता
    उठा के किसी कूड़ेदान में

    बेहतरीन

    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत रहेगा

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया सर।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया जी।

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  5. मधुलिका दी, रिश्तों की टुटन का दर्द बहुत ही अच्छे से व्यक्त किया हैं आपने। काश ऊपर वाले ने रिश्तों के टूटने का भी एक मर्तबान बनाया होता...बहुत सुंदर।

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    1. तहेदिल से शुक्रिया

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  6. बहुत खूब ...
    रिश्तों के टूटने का मर्तबान ...
    काश की ऐसा होता ... बार बार मन तो न टूटता ... फैंक आते सब रिश्ते बाहर ... लाजवाब रचना ...

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    1. मेरी ब्लाग पर आने के लिए तहेदिल से शुक्रिया आप का।

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  7. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (14-08-2018) को "त्यौहारों में छिपे सन्देश" (चर्चा अंक-3063) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हरियाली तीज की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. आप को भी हरियाली तीज की बहुत सारी शुभकामनायें

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    2. मेरी ब्लाग को चर्चा मंच में स्थान देने के लिए दिल से शुक्रिया आप का ।

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  8. बहुत सुंदर |
    स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आप् का

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  9. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय

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