Tuesday, 26 December 2017

कुछ पंक्तियाँ



ऐ ज़िन्दगी तू 
इतना क्यों रुलाती है मुझे 
ये आँखे है मेरी 
कोई समंदर या दरिया नहीं 

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गुज़रे हुए कल 
मैंने तो हद कर दी 
वक़्त से ही वक़्त की 
शिकायत कर दी 

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मेरी मुस्कान गिरवी 
रखी थी जहाँ
वो सौदागर ही न जाने 
कहाँ गुम हो गया
न तो मेरी चीज़ लौटाई
न ब्याज़ बताया

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तुमने मुझ पर दोस्ती के हक
अदा न करने के सौ इल्ज़ाम लगाए
पर एक भी इल्ज़ाम को 
तुम साबित नहीं कर पाए

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काश मुश्किलें एक दिन 
मुझसे कहें की 
आज मैं तेरे आशियाने 
का पता - ठिकाना ही भूल गयी 

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माँ है वो तेरी
कोई चट्टान नहीं
वो अल्फ़ाज़ मत लौटा उसे 
जो उसने तुझे कभी
 सिखाये ही नहीं 

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तुमने कभी कुछ बोला ही नहीं 
की रास्ते में दोबारा 
मुलाक़ात होगी की नहीं 
और मैं खामखां 
इंतज़ार शब्द को 
अपनी वसियत लिख बैठी 

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आज हवाओं में बहुत शोर है 
लगता है गली में 
खुशियाँ बेचने वाला 
सौदागर आया है | 

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33 comments:

  1. ब्लॉग जगत के श्रेष्ठ रचनाओं का संगम "लोकतंत्र" संवाद ब्लॉग पर प्रतिदिन लिंक की जा रही है। आप सभी पाठकों व रचनाकारों से अनुरोध है कि आप अपनी स्वतंत्र प्रतिक्रिया एवं विचारों से हमारे रचनाकारों को अवगत करायें ! आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों के स्वतंत्र विचारों का ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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    1. धु्व सर आपका तहे दिल से शुकि्या ।

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  2. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग पर 'शनिवार' ३० दिसंबर २०१७ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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    1. मेरी रचना को स्थान देने पर बहुत बहुत आभार आपका।

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  3. वाह ! क्या बात है ! खूबसूरत प्रस्तुति ! बहुत खूब आदरणीया ।

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    1. तहेदिल से शुकि्या सर आपका ।

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  4. खुशियाँ बेचने वाले सौदागर आते हैं ... और जिंदगी उन्हें बुलाती है ...
    यही तो खेल है उसका ...

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    1. मेरी ब्लॉग के लिए वक्त देने का तहेदिल से शुकि्या सर ।

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    2. मेरी ब्लॉग को वक्त देने के लिए तहेदिल से शुकि्या

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  5. लेखनी का निखरा हुआ रूप। जीवन की विभिन्न परिस्थितियों का सूक्ष्म आकलन करते हुए आपके द्वारा प्रस्तुत की गई है बेहद प्रभावी अभिव्यक्ति।
    बधाई एवं शुभकामनाएं।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका मेरी ब्लॉग पर आने का ।

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  6. बहुत बढ़िया

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    1. बहुत बहुत शुकि्या सर ।

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  7. आपकी लिखी रचना  "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 3 जनवरी2018 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!


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    1. बहुत बहुत आभार आपका पम्मी जी मेरी रचना को स्थान देने पर ।

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  8. बहुत जीवन्त एहसास और शब्दों की जादूगरी, क्या बात है!खुशियों के सौदागर का पता खोज रही हूं.
    सादर

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  9. सुन्दर प्रस्तुति

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    1. बहुत बहुत आभार आपका।

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  10. अनमोल नगीने ।शुभकामनाएँ ।

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    1. तहेदिल से आभार आपका।

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    2. बहुत बहुत आभार आपका ।

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  11. बहुत अच्छी प्रस्तुति

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    1. बहुत बहुत आभार आपका कविता जी

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  12. आपको सूचित करते हुए बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है कि ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग 'मंगलवार' ९ जनवरी २०१८ को ब्लॉग जगत के श्रेष्ठ लेखकों की पुरानी रचनाओं के लिंकों का संकलन प्रस्तुत करने जा रहा है। इसका उद्देश्य पूर्णतः निस्वार्थ व नये रचनाकारों का परिचय पुराने रचनाकारों से करवाना ताकि भावी रचनाकारों का मार्गदर्शन हो सके। इस उद्देश्य में आपके सफल योगदान की कामना करता हूँ। इस प्रकार के आयोजन की यह प्रथम कड़ी है ,यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा। आप सभी सादर आमंत्रित हैं ! "लोकतंत्र" ब्लॉग आपका हार्दिक स्वागत करता है। आभार "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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    1. बहुत बहुत शुकि्या

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  13. Replies
    1. बहुत बहुत शुकि्या जी

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  14. बहुत बढ़िया।

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    1. तहेदिल से शुक्रिया ज्योति जी।

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  15. Jitna kha jaye utna kmmm👌👌👌👌👌👌👌

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका

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  16. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय

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