Saturday 12 June 2021

तुम आओ तो सही ...

-1-

 मेरे दस्तावेज़ों में 

तू अब भी ज़िंदा है 

मैंने अपना 

अतीत और वर्त्तमान 

सब तेरे नाम की 

वसीयत में जो लिखा है 

~~~~~ 


-2-

इतनी रफ़्तार से 

तुम आशियाने मत बदलो 

दरवाज़े पे 

बस इतना लिख देना 

की तुमने अपने आप को 

तब्दील कर लिया है 

~~~~~ 


-3-

चलो आज झगड़ा 

हमेशा के लिए 

ख़त्म करते हैं 

बहुत सारी शिकायतें 

तुम रख लो 

नाकाम मोहब्बत का इल्ज़ाम 

मैं रख लेती हु 

~~~~~ 


-4-

तुम आओ तो सही 

मेरी कब्र पर एक बार 

दोनों शब्दों के अर्थ 

तलाशने नहीं पड़ेंगे 

एक खामोशी, दूसरा इंतज़ार ... 



32 comments:

  1. बहुत सुंदर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय

      Delete
  2. वाह ..... हर क्षणिका गज़ब .... और अंतिम तो बीएस वाह वाह .

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया ।

      Delete
  3. तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीय सर मेरी रचना को चर्चा अंक में स्थान देने पर ।

    ReplyDelete
  4. बहुत ही सुंदर सृजन।
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया,

      Delete
  5. मेरे दस्तावेज़ों में 

    तू अब भी ज़िंदा है 

    बहुत ही लाजवाब सृजन

    ReplyDelete
  6. बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय । हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय,

      Delete
  7. बहुत त्रसुंदर कोमल कविताएं...

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया,

      Delete
  8. वाह बहुत sunder !!हर क्षणिका लाजवाब!!शुभकामनायें

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया ।

      Delete
  9. लाजवाब और हृदयस्पर्शी क्षणिकाएं ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया ।

      Delete
  10. सुंदर क्षणिकाओं ने मन मोह लिया,बहुत श्भ्कामनाएँ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया ।

      Delete
  11. आपकी सभी क्षणिकाएं प्रभावशाली हैं मधूलिका जी। तीसरी वाली क्षणिका ने मुझे एक बहुत पुराना शेर याद दिला दिया:
    क्या सवाल तेरा है, क्या सवाल मेरा
    बस इसी अंधेरे ने रोशनी को घेरा
    मक़तब-ए-मुहब्बत में चल के मान लेते हैं
    कुछ क़ुसूर मेरा है, कुछ क़ुसूर तेरा

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय,।

      Delete
  12. नए अंदाज़ में बुने है चारों यादों के लम्हे ...
    बहुत प्रभावशाली ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीय सर ।

      Delete
  13. उम्मीद करते हैं आप अच्छे होंगे

    हमारी नयी पोर्टल Pub Dials में आपका स्वागत हैं
    आप इसमें अपनी प्रोफाइल बना के अपनी कविता , कहानी प्रकाशित कर सकते हैं, फ्रेंड बना सकते हैं, एक दूसरे की पोस्ट पे कमेंट भी कर सकते हैं,
    Create your profile now : Pub Dials

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय ।

      Delete
  14. Replies
    1. तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीया ।

      Delete
  15. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, मधुलिका दी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीया

      Delete
  16. हृदयस्पर्शी क्षणिकाएं मधुलिका जी👌

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहेदिल से शुक्रिया संजयजी

      Delete
  17. तहेदिल से शुक्रिया संजय जी

    ReplyDelete
  18. आदरणीय सर बहुत बहुत आभार आपका

    ReplyDelete