~
उसने पूछा ये ठहाके
का राज़ क्या है
आँखें खामोश थी
गम को कहीं तो
ठहरना था
आज हसी में ही सही
~
उसकी निशानियां
अब बंद पड़ी हैं मेरे पास
वो संदूक तो जंग खा गया
पर वो बेजान चीज़ें
अब भी उतनी ही
खूबसूरत हैं यादों की तरह
सोचती हूँ काश कभी
यादों को भी जंग लग जाए
~
अपने शहर के रास्तों पर
खड़े हो कर
जब ये सोचना पड़ जाए
की अब जाना कहाँ है
तब ये अहसास होता है
मेरा शहर अब
मुझे भुलाने लगा है
~
वो कलम मेरी बड़ी दुश्मन थी
जब भी खत में तुझे
तेरी शिकायत में उतारना चाहा
अक्सर टूट जाया करती थी
~
वो मज़दूर सब आलिशान आशियाने की
छत मरम्मत कर आया
पर अपने घर की छत से टपकते पानी ने
उसे समझाया
मौसम बदलने का इंतज़ार
किया जा सकता है
~
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
Deleteवाह
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 31 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका आपका मेरी रचना को स्थान देने पर ।
Deleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteयादों को जंग लग्न ... पर कब लगता है ...
ताउम्र ताज़ा रहती हैं खिले फूल की तरह यादें ... सभी छोटी छोटी बातें लाजवाब ...
बहुत बहुत शुक्रिया आपका नेस्वा सर ।
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका
Deleteअद्भुत! मधुलिका जी, बहुत गहरे अहसास और गुढ़ अर्थ से भरी यह कविता मेरे लिए अनमोल है।
ReplyDeleteतहेदिल से शुक्रिया आपका आपका ।
Deleteलाजवाब रचना
ReplyDeleteतहेदिल से शुक्रिया आपका ।
Deleteवाह!!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सार्थक लाजवाब सृजन।
मौसम निश्चित ही बदलेगा।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
Deleteमेरी रचना को स्थान देने पर बहुत बहुत शुक्रिया ।शुभकामनाएँ,
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर मन को छूती अभिव्यक्ति दी।
ReplyDeleteप्रत्येक बंद कुछ कहता सा।
सादर
बहुत बहुत शुक्रिया आपका। आदरणीया प्रणाम 🙏
Deleteभावपूर्ण कोमलता का अहसास लिए
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका ।आदरणीया शुभकामनाएँ,
Deleteअत्यंत सुन्दर एवं अत्यंत भावपूर्ण
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका,
Deleteबहुत अच्छी दिल को छू जाने वाली भावपूर्ण प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका,आदरणीया शुभकामनाएँ ।
Deleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन
बधाई
बहुत बहुत शुक्रिया सर ।
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका
Deleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
Deleteबहुत ख़ूब मधूलिका जी !
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका
Deleteसारा राज बयां कर दिया । बेहतरीन ।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका
Deleteवाह बेहतरीन रचना।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
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