Sunday, 21 January 2024

वो एक नदी यादों की


वो एक नदी यादों की 

मेरे साथ बहती बहती 

एक कहानी बन गई 

मैं वो तुम्हें सुनाना चाहती थी 

मुकम्मल होने तक कहानी 

तुम्हारी ख़ामोशी है ज़रूरी 

पर क्या तुम मौन रहोगे 

क्या तुम मुझे सुन रहे होगे 

बहुत कठिन होता है 

किसी को ख़ामोशी से सुनना 

तुम्हारी आंखो को 

मुझे समझना होगा 

क्योंकि वो दिमाग़ के

अनचाहे वाकयात को 

बंया कर देती हैं 

मेरी यादें मेरी कहानी 

वो शतरंज का खेल है न

उससे मिलती जुलती है 

तुमने कहा एक प्यारा शब्द 

कल कॉफी शॉप में बैठ कर 

तफ़सील से सुनूँगा 

मैंने कहा अपने आप से 

पर वहाँ तो मुझे अपनी कहानी 

घर पर छोड़ कर जानी होगी 

नए दौर का नया फ़रमान 

वो मेरा तफ़हीम से कहना 

उस माहौल में मेरी कहानी 

शब्द शब्द बदलना होगा मुझे 

क्योंकि तुम कदर-शनास नहीं 

कभी कभी मुझे लगता है 

मेरी कहानी 

उँचे पेड़ पर टंगी 

मुझे चिढा रही है 

की मैं न कभी 

सुना सकूँगी 

वो एक नदी सी 

मेरे साथ-साथ 

बहती रहेगी...

20 comments:

  1. क्या कहूँ पढ़कर ? निस्तब्ध हूँ।

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    1. आदरणीय तहेदिल से शुक्रिया आपका ।

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  2. क्या कहूँ मधु जी मन चीर रहे हैं भाव...।
    सादर।
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    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार २३ जनवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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    1. आदरणीया मेरी रचना को पाँच लिंकों का आनंद में स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया आपका ।

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    1. आदरणीय तहेदिल से शुक्रिया आपका

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  4. बहुत सुन्दर रचना

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    1. आदरणीय तहेदिल से शुक्रिया आपका ।

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  5. कुछ कहानियां वाकई नदी की तरह साथ बहती हैं ताउम्र... मुकम्मल होने की आस लिए... सिर्फ अपने जेहन में दबी सी...कोई मिलता ही नहीं सुनने वाला ऐसा जो उन्हें समझ सके...
    मनमंथन करती लाजवाब रचना ।

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    1. तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीया

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  6. बहुत सुंदर सृजन।

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    1. तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीया

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  7. दिगंबर नासवा31 January 2024 at 03:17

    खामोशी को खामोशी सुन पाना आसान कहाँ … हर किसी का अपना अफ़ाना होता है

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    1. आदरणीय सर तहेदिल से शुक्रिया आपका

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  8. बेहद खूबसूरत अहसास

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    1. आदरणीय सर तहेदिल से शुक्रिया आपका

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  9. नदी का बहना और उसे कहना दो अलग बातें हैं। नदी तो बहती ही है पर उसे इस तरह कह पाना कि सामने वाला हृदयंगम करे, बड़ा कठिन है। बहुत ही सुन्दर बात

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    1. आदरणीया तहेदिल से शुक्रिया आपका ।

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  10. हमेशा की तरह बहुत ख़ूब लिखा है मधु …. 👌👌

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    1. आदरणीय तहेदिल से शुक्रिया आपका

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