Sunday, 7 March 2021

बेटी ~ एक नायाब हीरा


बेटी पराया धन नहीं 

माँ - बाप का नायाब हीरा होती है 

बेटी की विदाई 

यह एक शब्द है 

पर क्या हम वाकई 

बेटी को विदा कर पाते हैं 

दो बक्सों में सामान रखने से 

बेटी की विदाई 

संपूर्ण नहीं होती 

उसने इतने सालों से

जो उस घर को बिखेर रखा है 

वो सामान जो 

हमारे रग रग में बसा है 

हम कैसे उसे समेटे 

पूरे घर में उसकी खुशबू 

उसकी हंसी 

उसकी मुस्कुराहट

उसके सुख दुःख 

घर के हर कण कण में समाये हैं 

स्त्री एक अद्वितीय रचनाकार है 

जो रचता है 

उसे हम विदा कैसे करें 

बेटी विदा नहीं होती 

वह एक और 

नए संसार को रचती है 

नए रिश्ते को पूर्ण करती है 

अपने परिवार से नए 

परिवेश को जोड़ती है 

बेटी पराया धन नहीं 

एक नायाब हीरा है 


29 comments:

  1. बहुत सुन्दर।
    अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सर

      🙏

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  2. बिल्कुल सत्य कहा है आपने, बहुत सुंदर भावपूर्ण सृजन..

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया ।

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  3. बहुत बहुत सुन्दर

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ।

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  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 10 मार्च 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. तहेदिल से शुक्रिया आप का पम्मी जी मेरी रचना को पांच लिंको का आनंद में स्थान देने के लिए बहुत।

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  5. बेटी प्यारी सी धुन होती है .... ऐसा मैंने भी लिखा था । बहुत प्यारी रचना।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया ।

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  6. बेटियाँ चिड़िया होती हैं...
    बेटियों के लिए शब्दकोश के सारे खूबसूरत उपमान लिख दें तो भी कम है न मधुलिका जी।
    बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना।
    सादर स्नेह।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया ।

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  7. वाह बेहतरीन सृजन

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय ।

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  8. एकदम ठीक कहा आपने मधूलिका जी । घरपरिवार एवं समाज के इस सनातन सत्य को हम सभी को अपने मन में संजोकर रखना चाहिए ।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय

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  9. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना, बहुत अच्छी बात कही,बेटी जाती नही है, बेटी सिर्फ कहने के लिए विदा होती है, नमन बधाई हो

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया

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  10. सुंदर, भावपूर्ण

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  11. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ।

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  12. विदाई कहाँ होती है बेटी की ... जो दिल में होता है वो कहाँ जुदा होता है ... वो तो बस दुसरे घर जाती है और उसका हक़ हमेशा हमेशा रहता है ...
    बहुत भावपूर्ण रचना है आपकी ...

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय ।

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  13. कितने सुन्दर भावो को बिम्बो के माध्यम से सहेजा है। सुन्दर प्रस्तुति।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय

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  14. Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय

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  15. दिल को छू गयी आपकी यह रचना!!!

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय ।

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  16. आदरणीय सर बहुत बहुत आभार

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