मेरी स्याही के रंग

Saturday, 13 July 2024

शब्द

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तुम भी वहाँ मौजूद नहीं थे  मेरा तो खैर सवाल ही नहीं उठता  पर हमारे ख्याल वहाँ मौजूद थे  पर हमने कभी ज़िरह की  ये सवाल ही नहीं उठता हमारे मौन ...
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Saturday, 30 March 2024

मेरा स्वाभिमान

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तुम मुझे देखना चाहते हो   मदारी के बंदर की तरह   कितना हसीन ख़्बाव है तुम्हारा , मेरा तुम पर ऐतमाद की जहां मुझे लगे की कद...
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Sunday, 18 February 2024

कुछ पंक्तियाँ दिल से...

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~ 1 ~  बड़ा अजीब है जनाब ये तेरा शहर  आँखों में बड़े बड़े ख़्वाब लिए सारी रात   बेचैनी से यहाँ से वहाँ भागता ही रहता है   तभी तो ये रात भर  ...
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Sunday, 21 January 2024

वो एक नदी यादों की

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वो एक नदी यादों की  मेरे साथ बहती बहती  एक कहानी बन गई  मैं वो तुम्हें सुनाना चाहती थी  मुकम्मल होने तक कहानी  तुम्हारी ख़ामोशी है ज़रूरी  प...
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Saturday, 21 October 2023

आओ मौसम की पहली बारिश में ज़िंदगी ढूँढे

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 पिछली बारिश के जमा पलों की गुल्लक खोलें  उसमें थे बंद कुछ पल रजनीगंधा से महके हुए  कुछ पल सिलाइयों से उधड़े हुए  कुछ पल जो हमने वक़्त से थे...
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Thursday, 28 September 2023

थकते पंख अब सिमट से गए हैं

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स्त्री   और   समेटना   दोनों   शब्द   एक   दूसरे   के   पूरक   हैं   बचपन   से   ही   माँ   सिखाती   है   अपना   कमरा   समेट   कर   रखो   कप...
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Madhulika Patel
Bhopal, Madhya Pradesh , India
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