tag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post4219804140527324923..comments2024-03-17T12:31:59.390-07:00Comments on मेरी स्याही के रंग: मेरी आवाज़ खो सी गइ है कहींMadhulika Patelhttp://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-87287606349372164782022-02-16T19:04:28.421-08:002022-02-16T19:04:28.421-08:00Thank You so much sirThank You so much sirMadhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-48559335203374389872022-02-04T10:30:05.038-08:002022-02-04T10:30:05.038-08:00आदरणीय सर तहेदिल से शुक्रिया मेरी ब्लाग पर आने के ...आदरणीय सर तहेदिल से शुक्रिया मेरी ब्लाग पर आने के लिए 🙏Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-53277865875973788332022-01-30T23:20:11.801-08:002022-01-30T23:20:11.801-08:00आशा और निशाशा मन की स्थितियां है जो बदलती रहती हैं...आशा और निशाशा मन की स्थितियां है जो बदलती रहती हैं ...<br />शायद यही जीवन है ... गहरी भाव संजोये हैं रचना में ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-52557825045051936782022-01-20T11:45:18.365-08:002022-01-20T11:45:18.365-08:00बहुत बहुत शुक्रिया मीना जी.बहुत बहुत शुक्रिया मीना जी.Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-57705000417148265962022-01-20T06:16:00.700-08:002022-01-20T06:16:00.700-08:00मेरी आवाज़ मुझमें ही
खो सी गइ है कहीं
दुनिया के ...मेरी आवाज़ मुझमें ही <br />खो सी गइ है कहीं <br />दुनिया के बाज़ार में<br />शब्द सब खर्च हो गए हैं <br />मर्मस्पर्शी सृजन ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-76847470355845341322022-01-13T12:38:22.704-08:002022-01-13T12:38:22.704-08:00प्रिय श्व़ेता जी मेरी ब्लाग पर आने के लिए तहेदिल स...प्रिय श्व़ेता जी मेरी ब्लाग पर आने के लिए तहेदिल से शुक्रिया.Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-64081659467227414972022-01-13T12:35:10.006-08:002022-01-13T12:35:10.006-08:00प्रिय मनीषा स्नेह और बहुत सारी शुभकामनाएं.मेरी ब्ल...प्रिय मनीषा स्नेह और बहुत सारी शुभकामनाएं.मेरी ब्लाग पर आने के लिए तहेदिल से शुक्रिया.Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-58318024184462976242022-01-13T12:27:41.418-08:002022-01-13T12:27:41.418-08:00आदरणीय सर आप का तहेदिल से शुक्रिया ,आदरणीय सर आप का तहेदिल से शुक्रिया ,Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-3475115325868932282022-01-13T12:26:47.261-08:002022-01-13T12:26:47.261-08:00प्रिय रेणु,तहेदिल से शुक्रिया आपका,आप को भी मकर सं...प्रिय रेणु,तहेदिल से शुक्रिया आपका,आप को भी मकर संक्रांति और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ,स्नेह Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-82876558460899055182022-01-13T12:21:28.401-08:002022-01-13T12:21:28.401-08:00आदरणीय सर आपका तहेदिल से शुक्रिया ,आदरणीय सर आपका तहेदिल से शुक्रिया ,Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-67961077971993104782022-01-13T12:19:51.736-08:002022-01-13T12:19:51.736-08:00आदरणीय सर मेरी रचना को पाँच लिंकों का आनंद में स्थ...आदरणीय सर मेरी रचना को पाँच लिंकों का आनंद में स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया आपका,Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-53297723233357373982022-01-13T08:44:20.644-08:002022-01-13T08:44:20.644-08:00निराशा की पराकाष्ठा में आशा का जन्म होता है।
परिस्...निराशा की पराकाष्ठा में आशा का जन्म होता है।<br />परिस्थितियों से हारना नहीं हराना ही जीवन की सार्थकता है।<br />सादर।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-16426241524255256682022-01-13T08:29:16.167-08:002022-01-13T08:29:16.167-08:00कुछ महसूस ही
नहीं कर पाओ
जब दूभर हो जाता है
इन ...कुछ महसूस ही <br />नहीं कर पाओ <br />जब दूभर हो जाता है <br />इन सब के बीच जीना <br />तब अकेले निकल पड़ना <br />लॉन्ग ड्राइव के लिए <br />सन्नाटे की खोज में <br />जहाँ अपनी आवाज़ <br />लौटकर खुद अपने <br />को सुनाई दे <br /><br />वाह! क्या खूब कहा! <br />अगर खुद से मिलना है तो सबसे दूर हो जाओ तभी खुद से मिल पाओगे! <br />काले घने अंधेरों में जब खुद को देख नहीं पाओगे <br />तब खुद को महसूस कर पाओगे! Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-70881576459316287282022-01-13T06:29:33.407-08:002022-01-13T06:29:33.407-08:00बहुत बहुत सुन्दर रचनाबहुत बहुत सुन्दर रचनाआलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-59592920477276620552022-01-13T02:13:02.348-08:002022-01-13T02:13:02.348-08:00समय की दुरुहताओ ने जीवन के जोखिम बढ़ा दिए हैं। बहु...समय की दुरुहताओ ने जीवन के जोखिम बढ़ा दिए हैं। बहुत गहनता से विवेचन प्रस्तुत किया है आपने जीवन का। बहुत बढ़िया लिखा आपनेलोहड़ी पर्व और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आपको मधुलिका जी 🙏🙏🌷🌷❤️❤️<br />रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6635747753827646282.post-6536199646544575062022-01-12T18:43:01.696-08:002022-01-12T18:43:01.696-08:00इन अशआर के बीच बिखरे आपके अहसासात को महसूस कर सकता...इन अशआर के बीच बिखरे आपके अहसासात को महसूस कर सकता हूँ मैं। ये ज़माना ही ऐसा है कि जिसमें ऐसी लाचारी को सहना पड़ता है, अपनी ही आवाज़ कहीं खो गई सी लगती है जिसे ढूंढ़ना भी एक मशक़्क़त भरा काम लगता है। ये वक़्त, ये दुनिया, ये ज़माना शायद उन्हीं के लिए है जो जज़्बात से कोरे हैं। इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी साहब की लिखी हुई और चित्रा सिंह जी की गाई हुई एक मशहूर ग़ज़ल (इसमें कोई शिकवा ना शिकायत ना गिला है) का एक शेर है: <br />मुझको मेरी आवाज़ सुनाई नहीं देती<br />कैसा ये मेरे जिस्म में इक शोर मचा हैजितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.com